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Jaipur -- the pink city

 

Jaipur -- the pink city





Jaipur -- the pink city
Jaipur -- the pink city



 इस बार यह सफर बहुत ही अद्भुत और मजेदार था इस बार मैं अपने MP से बाहर राजस्थान के जयपुर गई थी राजस्थान और जयपुर, मैं पहली बार ही गई थी। अब तक बस किताबों और इतिहासों में जयपुर को देखा था पर अब किताबों में झांकने का समय था। 

                                  मेरा यह सफर अपने शहर इंदौर से प्रारंभ हुआ इस सफर में मैं मेरे कुछ दोस्तों के साथ गई थी। जयपुर जाने के लिए इंदौर से बस, ट्रेन और फ्लाइट सब उपलब्ध है तो हम लोग बस से इस बार सफर में निकले।

           हमारी बस इंदौर से रात के 9:00 बजे निकली जो अगले दिन सुबह 10:00 बजे पहुंच गई।

           

DAY 1

         जयपुर हम लोगों के लिए नया था तो पहले हम लोग रुकने के लिए अपने Book किए hotel में पहुंचे 

                                            वैसे जयपुर आना बहुत exciting  रहा लेकिन 12 घंटे के सफर मैं थोड़ा थका दिया था इसलिए होटल पहुंचकर fresh होकर हम लोगों ने वही Lunch किया फिर थोड़ा रेस्ट किया क्योंकि हम थके हुए घूमना नहीं चाहते थे।और  जयपुर में तापमान थोड़ा ज्यादा होने से भी हमने आराम करना ही उचित समझा 

                 इसके बाद शाम को हम वैशाली नगर में स्थित अक्षरधाम मंदिर गए यह मंदिर अक्षरधाम मंदिर दिल्ली की तरह ही बना हुआ था 

                 फिर वहीं पास में ही स्थित  restaurant मैं  हमने डिनर किया और फिर होटल आ गए और जल्दी ही सो गए हैं क्योंकि अगले दिन हमें बहुत सारी जगह जाना था


 DAY 2

        अगले दिन सुबह जल्दी ready  होकर हम लोग Amer Fort  के लिए निकल गए। यह जयपुर से 15 किलोमीटर दूर है तथा यहां आप सिटी बस या Personal Vehicle से जा सकते हैं

                 नया शहर होने के कारण हम लोग ओला कैब से यहां पहुंचे 


AMER FORT -


 इसका निर्माण दूल्हे राय कछवाहा ने 150 ईस्वी में कराया था यह  अरावली पहाड़ी पर स्थित है तथा अपनी विशालता के लिए प्रसिद्ध है और किले में सुंदर बगीचे और झील का दृश्य अत्यंत मंत्रमुग्ध करने वाला है।

                  इस किले को 2013 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया।

         आमेर फोर्ट आकर वाकई राजस्थानी कल्चर और राजा महाराजा के राजसी इतिहास के दर्शन से हो गए।

                  आमेर फोर्ट पहाड़ी पर स्थित किला है तथा किले पर  जाने के लिए हाथी का भी प्रयोग किया जाता है और यह  एलीफेंट राइट बीच बहुत ही शानदार थी।

   

 NAHARGARH FORT -

                   आमेर फोर्ट  के बाद हम नाहरगढ़ फोर्ट आये

                        नाहरगढ़ फोर्ट का निर्माण सवाई जयसिंह द्वारा 1734 में किया गया प्रारंभ में इसका नाम सुदर्शनगढ़ था जिसे बाद में नाहरगढ़ किया गया 

             यह किला पहाड़ी पर स्थित बहुत ही मनमोहक है जहां से शहर का नजारा दिखता है नाहरगढ़ फोर्ट जयपुर के आर्किटेक्चर आश्चर्य में से एक है



JAL MAHAL -

            नाहरगढ़ फोर्ट की खूबसूरती और अद्भुत बनावट देखने के बाद हम  जल महल आये 

              यह महल जयपुर में स्थित मान सागर झील के बीच बना है अतः पानी के बीच बने होने की वजह से इसका नाम जल महल रखा गया है तथा पानी के बीच बना होने की वजह से इसका नाम जल महल रखा गया पर्यटकों के लिए महल में जाने की अनुमति नहीं है झील के किनारे से ही इसे देखा जा सकता है ।

           जल महल झील के बीच में होने से कुछ ज्यादा ही खूबसूरत लगता है और रात में इसकी खूबसूरती दुगनी हो जाती है लेकिन समय की अनुपलब्धता होने के कारण हम शाम को ही जल महल देख कर निकल गए 

              इसी समय रास्ते में जाने के कारण ऊंट की सवारी करें बिना यह सबूत अधूरा ही रहता है।


       इसके बाद हम जयपुर के फेमस मॉल WTP means WORLD TRADE PARK गये वाकई आधुनिकता की कोई जवाब नहीं है हमें राजस्थानी किलो में अचंभित किया वही  रात में आधुनिकता के गवाह इस शॉपिंग मॉल ने।


          इसके बाद हम डिनर करके हम वापस होटल आ गए आज का दिन वाकई यादगार  रहा लेकिन अगले दिन की sightseeing और आज की थकान के कारण हम जल्दी सो गए।


DAY 3                         


CITY PALACE -

                           आज का आज का सफर सिटी पैलेस से प्रारंभ हुआ।

           इस महल का निर्माण महाराजा सवाई जैसे द्वारा 1729 ईस्वी में शुरू कराया गया था।

अपनी वास्तुकला व नक्काशी के लिए मशहूर यह महल शहर के बीच में स्थित है यहां आकर वास्तु कला तथा राजपूत राजाओं की शानो-शौकत के उदाहरण मिलते हैं ।

  

HAWA MAHAL -

                   इसके बाद हम हवा महल पहुंचे हवा महल शहर के बीचों बीच स्थित एक भव्य इमारत है जो जयपुर की शान है।


JANTAR MANTAR -

                            हवा महल से कुछ दूरी पर जंतर मंतर है जिसका निर्माण राजा जयसिंह द्वारा कराया गया है जयपुर के अलावा जंतर मंतर का निर्माण उज्जैन,दिल्ली, मथुरा, वाराणसी में भी किया था।

        जंतर मंतर वेधशाला है यहां प्राचीन काल में समय और मौसम की गणना की जाती थी।

          2013 में इसे यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया है।

                               यहां आकर इन प्राचीन यंत्र को देखकर भारत की प्राचीन परंपरा और विज्ञान विज्ञान को देखकर मन मंत्रमुग्ध हो गया और तब भारतीय होने पर भी गर्व हुआ क्योंकि यहां विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा था जो भारतीय इतिहास का ज्ञान विज्ञान को देखने यहां आए थे ।


BAPU BAZAR & JOHARI BAZAR -

                         इसके बाद हम वही स्थित बापू बाज़ार और फिर जोहरी बाजार पहुंचे यह बाजार जयपुर यात्रा की जान है अगर आपको भी मेरी तरह शॉपिंग में इंटरेस्ट है तो यहां आपको राजस्थानी कल्चर से लेकर मॉडर्न तक के सभी प्रकार के सामान मिल जाते हैं साड़ियां, सलवार सूट, लहंगे, मोजड़ी, लाख की चूड़ियों की दुकान यहां देखी जा सकती है यहां राजस्थानी हस्तशिल्प की भी दुकान है ।

               यहां आकर आप जयपुर के रंगों को देख पाते हो यहां की रौनक देखते ही बनती है ।

                             इस तरह शॉपिंग करते करते समय का पता ही नहीं चला और फिर जयपुर को अलविदा कहने का समय भी आ गया यह Trip कम समय का रही और बहुत कुछ रह भी गया घूमने का ताकि एक बार फिर इस खूबसूरत से ऐतिहासिक शहर में आने का अवसर मिल सके।

 और फिर शाम की ट्रेन से हम इंदौर वापस आ गए लेकिन लौटते समय हमारे पास ढेर सारे अनुभव और खूबसूरत लम्हे थे जो इन 3 दिनों की यात्रा में हमें प्राप्त हुए थे।  

Thank You





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