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JYOTIRLINGAS YATRA : A Spiritual Tour Devoted to MAHADEV

 JYOTIRLINGAS YATRA : A Spiritual Tour Devoted to MAHADEV


JYOTIRLINGAS YATRA : A Spiritual Tour Devoted to MAHADEV
 JYOTIRLINGAS YATRA : A Spiritual Tour Devoted to MAHADEV







नमस्कार दोस्तों,

आज एक बार फिर मैं अपना Hindi Blog लेकर आपके समक्ष उपस्थित हूं। आज का मेरा यह Blog भगवान शिव को समर्पित है। आज हम संपूर्ण भारत में स्थित भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग की यात्रा करेंगे अर्थात ज्योतिर्लिंग के स्थान स्थिति के बारे में बात करेंगे।

यह Blog मेरी किसी यात्रा से प्रेरित नहीं है बल्कि यह एक तरह का Travel Guide है यह Travel Guide उन सभी को समर्पित है जो ना केवल भोले बाबा के भक्त हैं बल्कि जो घुमक्कड़ी के भी शौकीन हैं।

यह Travel Guide ना केवल भारतीय मुसाफिर अपितु विदेशी पर्यटकों के लिए भी मददगार हो सकता है ताकि हर कोई भारतीय अध्यात्म संस्कृति और विरासत से रूबरू हो सकें।

तो चलिए फिर अपनी ज्योतिर्लिंग यात्रा यात्रा को प्रारंभ करते है
JYOTIRLINGAS YATRA : A Spiritual Tour Devoted to MAHADEV
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भारतीय धर्म पुराणों के अनुसार मान्यता है कि भगवान शिव स्वयं इन 12 ज्योतिर्लिंग वाले स्थान में विराजमान है।

ज्योति का अर्थ 'चमक' और शिवलिंग का अर्थ है 'छवि' अर्थात ज्योतिर्लिंग का अर्थ है 'उज्जवल छवि' यहां उज्जवल छवि से तात्पर्य भगवान शिव से है



द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम्


सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।

उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम्॥

परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।

सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥

वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।

हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥

एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।

सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥

एतेशां दर्शनादेव पातकं नैव तिष्ठति।

कर्मक्षयो भवेत्तस्य यस्य तुष्टो महेश्वराः॥:




1. SOMNATH



सौराष्ट्र देशे विशवेऽतिरम्ये, ज्योतिर्मय चंद्रकलावतंसम्।

भक्तिप्रदानाय कृतावतारम् तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये।।




JYOTIRLINGAS YATRA : A Spiritual Tour Devoted to MAHADEV





Location प्रभास पाटन सौराष्ट्र गुजरात



सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत का ही नहीं बल्कि इस पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना गया है कहा जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं चंद्र देव ने की थी विदेशी आक्रमण आक्रमण के कारण यह 17 बार नष्ट हो चुका है किंतु आज भी अपने दिव्य गुणों और महत्ता के कारण यह है विरासत के समान सर्वसाधारण के लिए विराजमान है।



JYOTIRLINGAS YATRA : A Spiritual Tour Devoted to MAHADEV




ज्योतिर्लिंग आरती समय सारणी


प्रातः काल 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक दर्शन

प्रातः 7 बजे मंगला आरती,

12 बजे मध्यान्ह आरती,

7 बजे संध्या आरती


मंदिर प्रांगण में रात 8 बजे से 9 बजे तक एक घंटे का प्रसिद्ध साउंड और लाइट शो 'जॉय सोमनाथ' भी चलता है, जिसमें सोमनाथ मंदिर के इतिहास का बहुत ही सुन्दर चित्र सहित चित्रण किया जाता



How to Reach

यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल में स्थित है तथा वेरावल बस मार्ग और रेल मार्ग द्वारा भारत के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है वेरावल से सोमनाथ तक के लिए बस चलती है जिससे यहां पहुंचा जा सकता है



2. MALLIKARAJUN



श्रीशैलश्रृंगे विबुधातिसंगे तुलाद्रितुंगेआपि मुदा वसन्तम्।

तमर्जुनं मल्लिकपूर्वमेकं नममि संसारसमुद्रसेतुम्।।



                           




Location कुर्नूल, आंध्र प्रदेश

(कृष्णा जिले में कृष्णा नदी के तट पर )



यह ज्योतिर्लिंग कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नामक पर्वत पर स्थित है इस मंदिर और पर्वत का महत्व भगवान शिव के कैलाश पर्वत के समान है इसे दक्षिण का कैलाश भी कहा जाता है अनेक धार्मिक शास्त्र इसके धार्मिक और पुराण पौराणिक महत्व की व्याख्या करते हैं यह सदियों से तीर्थ यात्रा के लिए प्रसिद्ध रहा है







ज्योतिर्लिंग आरती समय सारणी


प्रातःकाल 4.30 – 5.00 मंगलवाद्यम

5.15 – 6.30 प्रातः पूजा

6.30 – 1.00 दर्शन अभिषेक

1.00 – 3.30 अलंकार दर्शन

4.50 – 5.20 प्रदोष काल पूजा

5.20 – 6.00 संध्या पूजा

6.20 – 9.00 दर्शनम

10 बजे मंदिर बंद



How to Reach

श्रीशेैलम से 137 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैदराबाद का राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है। यहां से आप बस या फिर टैक्सी के जरिए मल्लिकार्जुन पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन मर्कापुर रोड है जो श्रीशैलम से 62 किलोमीटर की दूरी पर है।





3. MAHAKALESHWAR



"आकाशे तारकं लिंगं पाताले हाटकेश्वरम्।

भूलोके च महाकालो लिंड्गत्रय नमोस्तु ते।।''






Location महाकाल, उज्जैन, मध्य प्रदेश

( शिप्रा नदी के तट पर)



यह ज्योतिर्लिंग अन्य सभी ज्योतिर्लिंगों में बहुत खास है क्योंकि यह एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है और यहां सुबह होने वाली भस्म आरती विश्व भर में प्रसिद्ध है

यह मान्यता है कि आज भी उज्जैन नगरी के राजा भगवान महाकालेश्वर है तथा इस कारण कोई भी बड़े पदाधिकारी कभी भी उज्जैन में रात्रि विश्राम नहीं करते।



ज्योतिर्लिंग आरती समय सारणी


मंदिर खुलता और बंद होता है: 4:00 AM to11: 00 PM

भस्म आरती: 4:00 - 6:00 AM

नैवेद्य आरती: 7:30 - 8:15 AM (गर्मियों में, 7:00 - 7:45 AM)

संध्या आरती: 6:30 - 7:00 PM (ग्रीष्म ऋतु में, 7: -00 - 7:30 बजे)

शयन आरती 10:30 बजे



How to Reach


उज्जैन रेल मार्ग और बस मार्ग द्वारा देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा है वहीं उज्जैन के सबसे करीब स्थित एयरपोर्ट इंदौर में है जहां से आसानी से उज्जैन जाया जा सकता है




4. OMKARESHWAR


"कावेरिकानर्मदयो: पवित्रसमागे सज्जनतारणाय।

सदैव मांधातृपुरे वसंतम्, ओंकारमीशं शिवमेकमीडे"।।










Location ओमकारेश्वर, मान्धाता, मध्य प्रदेश (नर्मदा नदी के बीच स्थित द्वीप पर)

ओमकारेश्वर और ममलेश्वर नर्मदा नदी के दोनों तट पर स्थित शिवलिंग है



जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग है उस स्थान पर नर्मदा नदी बहती है और पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां का ओम का आकार बनता है यह ज्योतिर्लिंग ओंकार अर्थात ओम का आकार लिए हुए हैं इस कारण से ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है







ज्योतिर्लिंग आरती समय सारणी


प्रातः काल 5 बजे - मंगला आरती एवं नैवेध्य भोग

प्रातः कल 5:30 बजे – दर्शन प्रारंभ

मध्यान्ह कालीन भोग:

दोपहर 12:20 से 1:10 बजे – मध्यान्ह भोग

दोपहर 1:15 बजे से – पुनः दर्शन प्रारंभ

सायंकालीन दर्शन:

दोपहर 4 बजे से – भगवान् के दर्शन

(बिल्वपत्र, फूल, नारियल इत्यादि पूजन सामग्री गर्भगृह में ले जाना 4 बजे बाद प्रतिबंधित है|)

शयन आरती:

रात्रि 8:30 से 9:00 बजे – शयन आरती

रात्रि 9:00 से 9:35 बजे – भगवान् के शयन दर्शन


How to Reach


ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के पास इंदौर स्थित है जो देश के सभी बड़े शहरों से रेल मार्ग बस मार्ग और हवाई मार्ग के द्वारा जुड़ा है तथा ओमकालेश्वर के सबसे पास स्थित रेलवे स्टेशन ओमकालेश्वर रोड है यहां से आप बस या ऑटो के द्वारा ओमकालेश्वर पहुंच सकते हैं


5. Vaidyanath


पूर्वोत्तरे पारलिका‍भिधाने, सदाशिवं तं गिरिजासमेतम्।

सुरासुराराधितपादपद्मम्, श्री वैद्यनाथं सततं नमामि।।



सर्वप्रथम मैं यहां यह बताना चाहती हूं कि बैजनाथ ज्योतिर्लिंग के स्थान के संबंध में लोगों में मतभेद है कुछ लोगों का मानना है कि यह ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर में है वहीं कुछ लोग का मानना है कि वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग परली महाराष्ट्र में है, खैर एक शिव भक्त को कभी भी इस विवाद में नहीं पड़ना चाहिए तथा हो सके तो दोनों स्थानों पर या फिर जिस ज्योतिर्लिंग स्थान पर हम आसानी से पहुंच सकते हैं वही सच्ची भावना से भक्ति करके संतुष्ट होना चाहिए















Location

1.झारखंड के देवघर में जसीडीह स्टेशन, जसीडीह स्टेशन से 6 किलोमीटर की दूर बैजनाथ धाम स्थित है


2.ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के बीड जिले में स्थित परली वैजनाथ स्थान पर स्थित है.



श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग को समस्त ज्योतिर्लिंगों में नौवां स्थान प्राप्त है कहा जाता है कि वैद्यनाथ शिवलिंग को रावण को रावण द्वारा कैलाश से लाया गया था लेकिन भगवान की लीला स्वरूप बैजनाथ धाम में ही स्थापित हो गया।










श्री परली वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग आरती समय सारणी


4.30 बजे काकड़ा आरती

5 से 2 बजे तक पट खुलने के साथ दर्शन अभिषेक पूजन

12.30 बजे नैवेद्य पूजा

2 से 3 बजे तक बेल पत्र, जलार्पण, निजरुप दर्शन

3 से 5 बजे तक मुख दर्शन, भस्म तथा चंदन लेपन श्रृंगार

5 से 9.30 बजे तक बेल पत्र, पुष्प 9.30 बजे शयन आरती

सोमवार – प्रदोष – माह की शिवरात्रि के विशेष पूजन विधान




प्रातः 5 से संध्या 7 बजे तक दर्शन, पूजन, अभिषेक

7 से 8 बजे तक जलार्पण, बेल पत्र और निजरुप दर्शन 9.30 बजे आरती

प्रति सोमवार रात्रि 9 से 12 बजे तक संकीर्तन, रात्रि 12 से 1 बजे तक आरती

प्रति सोमवार विशेष श्रृंगार के साथ छबीना, मृदंग, पेटी और मशालों के साथ मंदिर परिसर में निकाली जाती है

श्रावण सोमवार – रात्रि 12 बजे से प्रातःकाल 7 बजे तक अभिषेक और पूजन

समय सारणी श्रद्धालुओं की संख्या के आधार पर परिवर्तनशील

10 बजे तक दर्शन और 12 बजे रात्रि आरती

श्रावण मास में प्रातः काल 4 बजे से 8 बजे तक अभिषेक, पूजन, दर्शन


How to Reach


1. परली वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग जो की औंढा से लगभग 130 किलोमीटर की दुरी पर है, औंढा बस स्टैंड से सीधे परली के लिए महाराष्ट्र परिवहन की बसें उपलब्ध हैं, या फिर औंढा से परभणी और परभणी से परली पहुंचा जा सकता है,


2. बैजनाथ धाम जसीडीह स्टेशन से 6 किलोमीटर की दूरी पर है तथा आप आसानी से जसीडीह स्टेशन पहुंच कर बैजनाथ धाम आ सकते हैं


6. BHIMASHANKAR


"यो डाकिनीशाकिनिकासमाजै: निषेव्यमाण: पिशीताशनेश्च।

सदैव भीमेशपद्प्रसिद्धम्, तं शंकरं भक्तहिंत नमामि"।।






Location भीमाशंकर मंदिर, महाराष्ट्र के भोरगिरी गांव जो पुणे से 110 किलोमीटर में स्थित है

यह पश्चिमी घाट के सह्यद्रि पर्वत पर 3250 फीट की ऊंचाई पर स्थित है यहीं से भीमा नदी निकलती है




सह्यद्रि पर्वत पर स्थित भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है

इस मंदिर के निर्माण से विश्वकर्मा वास्तुशिल्प योग के उत्कृष्ट शिल्प कौशल का प्रमाण मिलता है सुंदर मंदिर का शिखर नाना फडणवीस द्वारा 18 वीं सदी में बनवाया गया था





ज्योतिर्लिंग आरती समय सारणी


मंगल आरती 4.30 – 5.00 प्रातःकाल, जलाभिषेक

12.00 – 2.30 भोग की पूजा

2.45 – 3.30 मध्यान्ह आरती जलाभिषेक

7.30 – 8.00 बजे तक संध्या आरती

9.30 बजे मंदिर बंद

Note -: जलाभिषेक 4.00 बजे के बाद नहीं होता है।



How to Reach

यहां आप सड़क और रेल मार्ग के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं पुणे से रोजाना सुबह से शाम तक प्रत्येक घंटे में भीमाशंकर के लिए बस मिलती है


7. RAMESHWAR


श्री ताम्रपर्णीजलराशियोगे, निबध्य सेतु निधी बिल्वपत्रै:।

श्रीरामचंद्रेण समर्पितं तम्, रामेश्वराख्यं सततं नमामि।।







Location रामेश्वरम रामनाड तमिलनाडु



भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के साथ साथ यह हिंदुओं के पवित्र चार धामों में से एक है

ऐसा कहा जाता है इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं भगवान श्रीराम ने की है


श्री रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग आरती समय सारणी


शयन गृह दीपाराधना सुबह 5.00 बजे

स्फटिक लिंग दीपाराधना सुबह 5.10 बजे

तिरूवनंदल दीपाराधना सुबह 5.45 बजे

विळा पूजा सुबह 7.00 बजे

कालसन्धि पूजा सुबह 10.00 बजे

उच्चिकाल पूजा दोपहर 12.00 बजे

सांयरक्ष पूजा शाम 6.00 बजे

अर्धजाम पूजा रात 8.30 बजे

शयन गृह पूजा रात 8.45 बजे



How to Reach



रामेश्वरम में रेलवे स्टेशन है यहां आप आसानी से रेल द्वारा पहुंच सकते हैं रामेश्वर के सबसे करीब मदुरई एयरपोर्ट है जहां से भी रामेश्वर पहुंचा जा सकता है



8. NAGESHWAR


याम्ये सदंगे नगरेऽतिरम्ये, विभूषिताडं विविधैश्च भोगै:।

सद्भक्ति मुक्ति प्रदमीशमेकम्, श्री नागनाथं शरणं प्रपद्यै।।






Location दारूकावन द्वारका गुजरात





प्रसिद्ध तीर्थ स्थल द्वारका के करीब स्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के परिसर में भगवान शिव की ध्यान मुद्रा में एक बड़ी ही मनमोहक विशाल प्रतिमा स्थापित है

शिव पुराण में द्वादश ज्योतिर्लिंग स्त्रोत के अनुसार नागेश्वर द्वारका के समीप वन में स्थित है इससे इसकी स्थिति को लेकर भी भक्तों के मन में किसी प्रकार का मतभेद उत्पन्न नहीं हो पाता है







ज्योतिर्लिंग आरती समय सारणी


प्रातःकाल- 5:30 बजे मंदिर खुल जाता है

मध्याह्न 12 बजे महाभोग और आरती

दोपहर 4 से 4:30 तक मध्याह्न स्नान

रात को 8:30 से 9:00 तक शयन आरती

रात को 9:00 बजे मंदिर बंद हो जाता है

महाशिवरात्रि और श्रावण सोमवार को मंदिर की समय सीमा बढ़ाई जाती है

प्रातःकाल से दोपहर 4:00 बजे तक शिव जी को जल और दूध चढ़ाया जा सकता है



How to Reach

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग किसी गांव या बस्ती में नहीं है यह मंदिर वीरान जगह पर बना है तथा इसके सबसे करीब द्वारका ही है तथा द्वारका देश के सभी शहरों से रेल बस और हवाई मार्ग द्वारा जुड़ा है तथा द्वारका से आप ऑटो द्वारा आसानी से यहां पहुंच सकते हैं



9. KASHI VISHWANATH






Location लाहोरी टोला, वाराणसी, उत्तर प्रदेश



काशी विश्वनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है काशी अर्थात वाराणसी भारत की प्रमुख धार्मिक नगरी है मंदिरों का तीर्थ स्थल भी कहा जाता है जा सकता है









ज्योतिर्लिंग आरती समय सारणी



काशी विश्वनाथ मंदिर पूरे 12 महीनें भक्तों के दर्शन हेतु खुला रहता है | पूरे विश्वभर से श्रद्धालु मंदिर के दर्शन करने आते है | यहाँ प्रतिदिन 5 आरतियाँ होती है | आरती में शामिल होकर भक्त अपने आप को धन्य पाते है | काशी विश्वनाथ मंदिर में होने वाली 5 आरतियाँ इस प्रकार है :-


मंगला आरती – 03:00 से 04:00 (सुबह के समय )

भोग आरती 11: 15 से 12: 20

संध्या आरती 07:00 से 08:15

श्रृंगार आरती 09:00 से 10:00

रात्रिशयन आरती 10:30 से 11:00 रात्रि



How to Reach

भारत के प्रमुख शहरों में से एक है तथा यह देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है ज यहां हां आप पर Bus Train और aeroplane किसी से भी आ सकते हैं।

10.TRIMKESHWAR







Location त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक जिले में नासिक से 35 किलोमीटर की दूरी पर गोदावरी के तट पर स्थित है




त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग भोले बाबा के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है इसका स्थान है भगवान शिव को त्रयंम्केश्वर भी कहा जाता है

कहा जाता है कि भगवान शिव ने गौतम ऋषि और गोदावरी नदी के आग्रह पर यहां ज्योतिर्लिंग रूप लिया था

मंदिर काले पत्थर से बनाया गया है मुख्य मंदिर के भीतर एक गड्ढे में शिवलिंग है जो ब्रह्मा विष्णु महेश देवता के प्रति प्रतीक कहे जाते हैं







ज्योतिर्लिंग आरती समय सारणी


श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर के खुलने का समय 5:30 बजे

दर्शन

विशेष पूजन समय 6 से 7 बजे तक,

प्रथम वेदोक्त उच्चारण 8 से 10:30 बजे तक,(दशपुतरे घराने द्वारा )

मध्यान्ह वेदोक्त उच्चारण 12 से 12:20 बजे तक,(शुक्ला घराने द्वारा )

श्री त्र्यम्बकेश्वर की आरती 8:30 से 9 बजे तक,(तेलंग घराने द्वारा)



How to Reach

त्रंबकेश्वर नासिक से काफी पास है तथा नासिक पूरे से पूरे देश से रेल सड़क और वायु माल से जुड़ा हुआ है तथा आप नासिक पहुंच कर वहां से त्रंबकेश्वर के लिए बस ऑटो या टैक्सी ले सकते हैं





11. KEDARNARH


"हिमाद्रीपार्श्वे च समुल्लसंतम् सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैरू।

सुरासुरैर्यक्षमहोरगाद्यै: केदारसंज्ञं शिवमीशमीडे"।।







Location केदारनाथ रूद्रप्रयाग उत्तराखंड

(हिमालय के केदार नामक श्रृंग पर)



बाबा केदारनाथ का मंदिर बद्रीनाथ के मार्ग पर स्थित है केदारनाथ समुद्र तल से 84 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है केदारनाथ भक्तों को आकर्षित करने का सबसे प्रसिद्ध और देखे जाने वाला शिव मंदिरों में से एक है

कहते हैं जो महत्व कैलाश पर्वत का है वही महत्व शिव जी ने केदारनाथ को भी दिया है








ज्योतिर्लिंग आरती समय सारणी

केदारनाथ मंदिर सुबह 6 बजे से दोपहर को 3 बजे तक खुलता है, शाम को 5 बजे पुनः खुलता है और रात्रि को 8:30 बजे बंद हो जाता है। शीतकालीन समय में केदारघाटी बर्फ़ से ढँक जाती है। इसलिए यह मंदिर सामान्यत: नवंबर माह की 15 तारीख से पूर्व बंद हो जाता है और 6 माह पश्चात 14 अप्रैल के बाद खुलता है। ऐसी स्थिति में केदारनाथ की पंचमुखी प्रतिमा को “उखीमठ” में लाया जाता है



How to Reach


12. GHRISHNESHWAR


इलापुरे रम्यशिवालये स्मिन्, समुल्लसंतम त्रिजगद्वरेण्यम्।

वंदेमहोदारतरस्वभावम्, सदाशिवं तं घृषणेश्वराख्यम्।।







Location औरंगाबाद महाराष्ट्र

यह ज्योतिर्लिंग को घृष्णेश्वर, घुसृणेश्वर या घुश्मेश्वर नाम से भी जाना जाता है यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है

इस ज्योतिर्लिंग के पास में बौद्ध भिक्षुओं द्वारा निर्मित एलोरा की गुफाएं स्थित है







ज्योतिर्लिंग आरती समय सारणी


प्रातःकाल 5.30 मंगल आरती जलाभिषेक प्रारम्भ

12.00 बजे नैवेद्य मध्यान्ह आरती

12:00-1:00 बजे तक जलाभिषेक नहीं

8.00 बजे शयन आरती

9.30 बजे मंदिर बंद

श्रृंगार दर्शन विशेष अवसरों पर



How to Reach

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग औरंगाबाद स्थित है औरंगाबाद से घुश्मेश्वर 30 किलोमीटर किलोमीटर है बस मिल जाती है




आशा करती हूं आपको यह Blog पसंद आया होगा और साथ ही मेरा यह Blog आपकी ज्योतिर्लिंग यात्रा में काफी मददगार होगा।

अगर आप किसी तरह के Suggestion देना चाहते हैं तो वह सादर आमंत्रित हैं अपने Suggestion कमेंट बॉक्स में दे।


Thank You








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