Why you should visit the prayagraj ardh Kumbh mela 2019
एक बार फिर मैं अपना हिंदी ब्लॉग लेकर आपके समक्ष उपस्थित हूं आज मैं आपको बताऊंगी कि आपको प्रयागराज अर्थात इलाहाबाद में आयोजित अर्ध कुंभ मेला में क्यों जाना चाहिए।
पहले हम बात करते हैं कुंभ मेला के बारे में....
भारत में आयोजित होने वाले कुंभ का ना केवल भारत में अपितु संपूर्ण विश्व में एक अलग ही तरह का महत्व है। इस बार कुंभ मेला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज अर्थात इलाहाबाद में आयोजित किया गया किया जा रहा है इस कुंभ मेला का शुभारंभ 15 जनवरी मकर संक्रांति के दिन हो रहा है तथा यह 4 मार्च अर्थात महाशिवरात्रि तक चलेगा। प्रयागराज में कुंभ का आयोजन गंगा यमुना एवं सरस्वती नदी के संगम पर किया जाता है
कहां कहां आयोजित किया जाता है कुंभ मेला?
कुंभ मेला का आयोजन भारत के 4 शहरों में चार प्रमुख नदियों के किनारे किया जाता है
1. हरिद्वार --
हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे कुंभ का आयोजन किया जाता है
हरिद्वार का सम्बन्ध मेष राशि से है। कुंभ राशि में बृहस्पति का प्रवेश होने पर एवं मेष राशि में सूर्य का प्रवेश होने पर कुंभ का पर्व हरिद्वार में आयोजित किया जाता है। हरिद्वार और प्रयाग में दो कुंभ पर्वों के बीच छह वर्ष के अंतराल में अर्धकुंभ का भी आयोजन होता है।
2. प्रयागराज --
प्रयागराज में गंगा यमुना एवं सरस्वती के संगम में कुंभ का आयोजन किया जाता है
जब बृहस्पति कुंभ राशि में और सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है तब कुंभ मेले का आयोजन प्रयाग में किया जाता है। मेष राशि के चक्र में बृहस्पति एवं सूर्य और चन्द्र के मकर राशि में प्रवेश करने पर अमावस्या के दिन कुंभ का पर्व प्रयाग में आयोजित किया जाता है।
जब बृहस्पति कुंभ राशि में और सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है तब कुंभ मेले का आयोजन प्रयाग में किया जाता है। मेष राशि के चक्र में बृहस्पति एवं सूर्य और चन्द्र के मकर राशि में प्रवेश करने पर अमावस्या के दिन कुंभ का पर्व प्रयाग में आयोजित किया जाता है।
3. नासिक --
नासिक में गोदावरी के तट पर कुंभ का आयोजन किया जाता है
सिंह राशि में बृहस्पति के प्रवेश होने पर कुंभ पर्व गोदावरी के तट पर नासिक में होता है अमावस्या के दिन बृहस्पति, सूर्य एवं चन्द्र के कर्क राशि में प्रवेश होने पर भी कुंभ पर्व गोदावरी तट पर आयोजित होता है।
सिंह राशि में बृहस्पति के प्रवेश होने पर कुंभ पर्व गोदावरी के तट पर नासिक में होता है अमावस्या के दिन बृहस्पति, सूर्य एवं चन्द्र के कर्क राशि में प्रवेश होने पर भी कुंभ पर्व गोदावरी तट पर आयोजित होता है।
4. उज्जैन --
उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर कुंभ का आयोजन किया जाता है उज्जैन में आयोजित कुंभ को सिंहस्थ कहा जाता है
सिंह राशि में बृहस्पति एवं मेष राशि में सूर्य का प्रवेश होने पर यह पर्व उज्जैन में होता है। इसके अलावा कार्तिक अमावस्या के दिन सूर्य और चन्द्र के साथ होने पर एवं बृहस्पति के तुला राशि में प्रवेश होने पर मोक्षदायक कुंभ उज्जैन में आयोजित होता हैं
इन चारों जगह में कुंभ का आयोजन प्रत्येक 12 वर्ष में किया जाता है
2. अर्ध कुंभ मेला अर्ध कुंभ मेले का आयोजन 6 वर्ष में एक बार किया जाता है यह केवल प्रयागराज और हरिद्वार में ही आयोजित होता है 2016 में हरिद्वार में अर्ध कुंभ का आयोजन किया गया था और अभी अर्थात 2019 में प्रयागराज में अर्धकुंभ का आयोजन किया जा रहा है।
कुंभ शब्द का अर्थ कलश होता है। ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और दानवों द्वारा अमृत कलश की खोज की गई थी। वे दोनों ही इसे ग्रहण कर अमर होना चाहते थे, लेकिन भगवान ब्रह्मा जानते थे कि दानवों का अमृत ग्रहण करना समस्त सृष्टि के लिए हानिकारक सिद्ध होगा। ऐसे में ब्रह्मा के आदेश पर इंद्र पुत्र जयंत अमृत कलश को लेकर आकाश की ओर उड़ गए। क्रोधित राक्षसों ने उनका पीछा किया और उनसे कलश को छीनने की कोशिश की। इसी घटनाक्रम और आपसी संघर्ष में अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदे छलक कर प्रयागराज (इलाहाबाद), उज्जैन, नासिक और हरिद्वार में गिर गईं, जिस कारण इन चारों स्थानों को पवित्र स्थलों के रूप में पहचान मिली और बाद में इन स्थानों में कुंभ मेले की शुरुआत हुई।
तो चलिए अब हम चलते हैं उन कारणों की तरफ जिनके कारण हमें इस बार के कुंभ में प्रयागराज अवश्य जाना चाहिए।
भारत में आयोजित कुंभ विश्व के समक्ष एक विशाल और भव्य धार्मिक महोत्सव है इसमें ना केवल भारत से अपितु विश्व के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु और भारतीय संस्कृति को जानने के इच्छुक व्यक्तियों का आगमन होता है
यह एक धार्मिक महोत्सव है जिसके कारण यहां सभी तरह के साधु संत और महात्माओं का जमावड़ा होता है इसके साथ ही देश विदेश से पर्यटकों और सामान्य लोगों का आगमन भी यहां होता हैं इसी सब के कारण भारत में आयोजित कुंभ को यूनेस्को द्वारा कल्चर हेरिटेज का दर्जा भी प्राप्त है।
मेला कुंभ मेला हिंदू धर्म के अनुयायियों अनुयायियों की आस्था से जुड़ा पर्व है कुंभ मेला में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र नागा साधु ही होते हैं महा कुंभ अर्धकुंभ या फिर से हस्त कुंभ के बाद नागा साधुओं को देखना बहुत मुश्किल होता है
इसलिए अगर आप इस बार प्रयागराज कुंभ मेला में आते हैं तो आप भी इन नागा साधुओं के दर्शन आसानी से कर पाएंगे यह साधु अपने शरीर में भस्म लगाए रहते हैं वहीं इनके हाथों में रुद्राक्ष और गेंदे के पुत्र भी आपको मिल जाएंगे वहीं इन यह कभी बालों को खुला नहीं रखते हमेशा जटाधारी ही रहते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि कुंभ मेले के दौरान पवित्र नदियों में तीन बार डुबकी लगाकर आप अपने सभी पापों से मुक्ति पा सकते हैं इसलिए महाकुंभ में सबसे बड़ा आकर्षण और महत्वपूर्ण यहां पर स्नान होता है वहीं कुछ प्रमुख तिथियों पर किया गया स्नान सबसे ज्यादा फलदायक और महत्वपूर्ण होता है इन्हें शाही स्नान किस श्रेणी में रखा जाता है।
प्रयागराज अर्ध महाकुंभ में 3 शाही स्नान और 3 प्रमुख तिथियों पर स्नान को बहुत पवित्र और महत्व दिया गया है
15 जनवरी 2019 मकर संक्रांति (1st शाही स्नान)
21 जनवरी 2019 पूस पूर्णिमा
4 फरवरी 2019 मोनी अमावस्या (2nd शाही स्नान)
10 फरवरी 2019 बसंत पंचमी (3rd शाही स्नान)
19 फरवरी 2019 माघी पूर्णिमा
4 मार्च 2019 महाशिवरात्रि
महाकुंभ के आयोजन में सम्मिलित होने से शायद आपको एक अलग तरह का Experience मिल सकता है। संगम में तीन डुबकी लगाने से आपके पाप धुलेंगे या नहीं यह तो मैं नहीं कह सकती पर इसके बात बाद आप स्वयं में कुछ नयेपन की अनुभूति अवश्य कर सकते हैं इसके साथ ही कुंभ में कई तरह की महासभा, कुछ व्याख्यान और कुछ Classes आपके अंदर नई ऊर्जा का संचार अवश्य कर देंगे साथ में आप खुद को spiritual महसूस करेंगे और इस प्रकार आप खुद को भगवान के और एक आत्मिक शांति के बहुत करीब महसूस कर सकते हैं।
हर शहर अपने आप में स्वयं का इतिहास और अपनी खूबसूरती लिए होता है अगर आप इस अर्धकुंभ में सम्मिलित होने के लिए प्रयागराज आते हैं तो ना केवल आप कुंभ का मजा ले पाएंगे अपितु आप यहां बहुत कुछ नया भी देख पाएंगे यहां इलाहाबाद फोर्ट, आनंद भवन, हनुमान टेंपल, रामघाट, त्रिवेणी घाट जैसे बहुत सारे पर्यटन स्थल भी है जो आपकी यात्रा को यादगार और अविस्मरणीय बनाने के लिए मददगार होंगे
आशा करती हूं आपको मेरा यह Blog पसंद आया होगा और साथ ही अगर आपने प्रयागराज जाने का Plan बना रखा है तो आप बहुत खुश होंगे और यदि नहीं बनाया है तो इस Blog को पढ़ने के बाद आप का मन भी प्रयागराज जाने के लिए अवश्य करेगा।
अगर आप मुझे किसी भी प्रकार का Suggestions देना चाहते हैं तो आपके विचार सादर आमंत्रित हैं आप अपने Suggestions कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं
धन्यवाद
सिंह राशि में बृहस्पति एवं मेष राशि में सूर्य का प्रवेश होने पर यह पर्व उज्जैन में होता है। इसके अलावा कार्तिक अमावस्या के दिन सूर्य और चन्द्र के साथ होने पर एवं बृहस्पति के तुला राशि में प्रवेश होने पर मोक्षदायक कुंभ उज्जैन में आयोजित होता हैं
इन चारों जगह में कुंभ का आयोजन प्रत्येक 12 वर्ष में किया जाता है
कुंभ और अर्ध कुंभ
1. पूर्ण कुंभ मेला कुंभ मेला प्रत्येक 12 वर्ष में एक बार भरता है प्रयागराज में पूर्ण कुंभ मेला का आयोजन 2013 में किया गया था2. अर्ध कुंभ मेला अर्ध कुंभ मेले का आयोजन 6 वर्ष में एक बार किया जाता है यह केवल प्रयागराज और हरिद्वार में ही आयोजित होता है 2016 में हरिद्वार में अर्ध कुंभ का आयोजन किया गया था और अभी अर्थात 2019 में प्रयागराज में अर्धकुंभ का आयोजन किया जा रहा है।
कैसे हुई कुंभ मेले की शुरुआत?
कुंभ शब्द का अर्थ कलश होता है। ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और दानवों द्वारा अमृत कलश की खोज की गई थी। वे दोनों ही इसे ग्रहण कर अमर होना चाहते थे, लेकिन भगवान ब्रह्मा जानते थे कि दानवों का अमृत ग्रहण करना समस्त सृष्टि के लिए हानिकारक सिद्ध होगा। ऐसे में ब्रह्मा के आदेश पर इंद्र पुत्र जयंत अमृत कलश को लेकर आकाश की ओर उड़ गए। क्रोधित राक्षसों ने उनका पीछा किया और उनसे कलश को छीनने की कोशिश की। इसी घटनाक्रम और आपसी संघर्ष में अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदे छलक कर प्रयागराज (इलाहाबाद), उज्जैन, नासिक और हरिद्वार में गिर गईं, जिस कारण इन चारों स्थानों को पवित्र स्थलों के रूप में पहचान मिली और बाद में इन स्थानों में कुंभ मेले की शुरुआत हुई।
तो चलिए अब हम चलते हैं उन कारणों की तरफ जिनके कारण हमें इस बार के कुंभ में प्रयागराज अवश्य जाना चाहिए।
1. Experience the Largest Religious Gathering the World
यह एक धार्मिक महोत्सव है जिसके कारण यहां सभी तरह के साधु संत और महात्माओं का जमावड़ा होता है इसके साथ ही देश विदेश से पर्यटकों और सामान्य लोगों का आगमन भी यहां होता हैं इसी सब के कारण भारत में आयोजित कुंभ को यूनेस्को द्वारा कल्चर हेरिटेज का दर्जा भी प्राप्त है।
2. The Naga Sadhus
इसलिए अगर आप इस बार प्रयागराज कुंभ मेला में आते हैं तो आप भी इन नागा साधुओं के दर्शन आसानी से कर पाएंगे यह साधु अपने शरीर में भस्म लगाए रहते हैं वहीं इनके हाथों में रुद्राक्ष और गेंदे के पुत्र भी आपको मिल जाएंगे वहीं इन यह कभी बालों को खुला नहीं रखते हमेशा जटाधारी ही रहते हैं।
3. Shahi Snaan
ऐसा कहा जाता है कि कुंभ मेले के दौरान पवित्र नदियों में तीन बार डुबकी लगाकर आप अपने सभी पापों से मुक्ति पा सकते हैं इसलिए महाकुंभ में सबसे बड़ा आकर्षण और महत्वपूर्ण यहां पर स्नान होता है वहीं कुछ प्रमुख तिथियों पर किया गया स्नान सबसे ज्यादा फलदायक और महत्वपूर्ण होता है इन्हें शाही स्नान किस श्रेणी में रखा जाता है।
प्रयागराज अर्ध महाकुंभ में 3 शाही स्नान और 3 प्रमुख तिथियों पर स्नान को बहुत पवित्र और महत्व दिया गया है
15 जनवरी 2019 मकर संक्रांति (1st शाही स्नान)
21 जनवरी 2019 पूस पूर्णिमा
4 फरवरी 2019 मोनी अमावस्या (2nd शाही स्नान)
10 फरवरी 2019 बसंत पंचमी (3rd शाही स्नान)
19 फरवरी 2019 माघी पूर्णिमा
4 मार्च 2019 महाशिवरात्रि
4.Surround Yourself to the God and Peace
महाकुंभ के आयोजन में सम्मिलित होने से शायद आपको एक अलग तरह का Experience मिल सकता है। संगम में तीन डुबकी लगाने से आपके पाप धुलेंगे या नहीं यह तो मैं नहीं कह सकती पर इसके बात बाद आप स्वयं में कुछ नयेपन की अनुभूति अवश्य कर सकते हैं इसके साथ ही कुंभ में कई तरह की महासभा, कुछ व्याख्यान और कुछ Classes आपके अंदर नई ऊर्जा का संचार अवश्य कर देंगे साथ में आप खुद को spiritual महसूस करेंगे और इस प्रकार आप खुद को भगवान के और एक आत्मिक शांति के बहुत करीब महसूस कर सकते हैं।
5. The Beautiful City of Pyagaraj
हर शहर अपने आप में स्वयं का इतिहास और अपनी खूबसूरती लिए होता है अगर आप इस अर्धकुंभ में सम्मिलित होने के लिए प्रयागराज आते हैं तो ना केवल आप कुंभ का मजा ले पाएंगे अपितु आप यहां बहुत कुछ नया भी देख पाएंगे यहां इलाहाबाद फोर्ट, आनंद भवन, हनुमान टेंपल, रामघाट, त्रिवेणी घाट जैसे बहुत सारे पर्यटन स्थल भी है जो आपकी यात्रा को यादगार और अविस्मरणीय बनाने के लिए मददगार होंगे
आशा करती हूं आपको मेरा यह Blog पसंद आया होगा और साथ ही अगर आपने प्रयागराज जाने का Plan बना रखा है तो आप बहुत खुश होंगे और यदि नहीं बनाया है तो इस Blog को पढ़ने के बाद आप का मन भी प्रयागराज जाने के लिए अवश्य करेगा।
अगर आप मुझे किसी भी प्रकार का Suggestions देना चाहते हैं तो आपके विचार सादर आमंत्रित हैं आप अपने Suggestions कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं
धन्यवाद
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